भुजरिया पर्व
भुजरिया पर्वअच्छी बारिश, फसल एवं सुख-समृद्धि की कामना के लिए रक्षाबंधन के दूसरे दिन भुजरियां पर्व मनाया जाता है। श्रावण मास की पूर्णिमा को रक्षाबंधन मनाया जाता है। उसके अगले दिन भुजरियां पर्व मनाया...
View Article50. सत्य और ईमानदारी के सिद्धांत पर
गांधी और गांधीवादमेरे लिए सत्य सर्वोच्च सिद्धांत है, जिसमें अन्य अनेक सिद्धांत समाविष्ट हैं। यह सत्य केवल वाणी का सत्य नहीं है अपितु विचार का भी है, और हमारी धारणा का सापेक्ष सत्य ही नहीं अपितु...
View Article51. एलेक्ज़ेंडर से पहचान
गांधी और गांधीवादगतिजीवनकाअंतनहींहैं।सहीअर्थोंमेंमनुष्यअपनेकर्तव्योंकानिर्वाहकरतेहुएजीवितरहताहै।- महात्मा गांधी51. एलेक्ज़ेंडर से पहचान1895प्रवेशगांधी जी ने समाज की जड़ता को भंग कर लोगों को सोचने का नया...
View Article52. गिरमिटियों पर कर
गांधी और गांधीवादतुम्हेंभौतिकवस्तुओंकेस्वामित्वअथवाभोगकाअवसरमिलसकताहै, परजीवनकारहस्यइसमेंहैकितुम्हेंउनकाअभावकभीखलेनहीं।- महात्मा गांधी52. गिरमिटियों पर करमई1895प्रवेशदक्षिण अफ़्रीका में गांधी जी का...
View Article53. आत्म-दर्शन की अभिलाषा
गांधी और गांधीवादनिरपेक्ष सत्य को जानना मनुष्य के वश की बात नहीं है। उसका कर्तव्य है कि सत्य जैसा उसे दिखाई दे, उसका अनुगमन करे, और ऐसा करते समय शुद्धतम साधन अर्थात अहिंसा को अपनाए।- महात्मा गांधी 53....
View Article54. नया फ्रैंचाइज़ अधिनियम
गांधी और गांधीवादकिसीभीस्वाभिमानीव्यक्तिकेलिएसोनेकीबेडियां, लोहेकीबेडियोंसेकमकठोरनहींहोगी।चुभनधातुमेंनहींवरन्बेडियोंमेंहोतीहै।- महात्मा गांधी 54. नया फ्रैंचाइज़ अधिनियमप्रवेशमताधिकार कानून संशोधन...
View Article55. दक्षिण अफ्रीका में बसने वाले भारतीय हतोत्साहित
गांधी और गांधीवादजोव्यक्तिअहिंसामेंविश्वासकरताहैऔरईश्वरकीसत्तामेंआस्थारखताहैवहकभीभीपराजयस्वीकारनहींकरता।- महात्मा गांधी 55. दक्षिण अफ्रीका में बसने वाले भारतीय हतोत्साहित1895-96प्रवेश1887 में...
View Article56. छः माह के लिए भारत आगमन
गांधी और गांधीवाद निःशस्त्रअहिंसाकीशक्तिकिसीभीपरिस्थितिमेंसशस्त्रशक्तिसेसर्वश्रेष्ठहोगी।- महात्मा गांधी 189656. छः माह के लिए भारत आगमनप्रवेशदक्षिण अफ़्रीका के विभिन्न भागों में रह रहे प्रवासी भारतीय...
View Article57. ‘द पायोनियर’ के संपादक से भेंट
गांधी और गांधीवाद क्रूरताकाउत्तरक्रूरतासेदेनेकाअर्थअपनेनैतिकवबौद्धिकपतनकोस्वीकारकरनाहै। - महात्मा गांधी57. ‘द पायोनियर’के संपादक से भेंट1896कलकत्ता से शीघ्र राजकोट जाने की गांधीजी को व्यग्रता थी।...
View Article58. तीन साल बाद बा और बच्चों से मिलन
गांधी और गांधीवाद निर्मलचरित्रएवंआत्मिकपवित्रतावालाव्यक्तित्वसहजतासेलोगोंकाविश्वासअर्जितकरताहैऔरस्वतःअपनेआसपासकेवातावरणकोशुद्धकरदेताहै। - महात्मा गांधी58. तीन साल बाद बा और बच्चों से...
View Article59. महारानी विक्टोरिया का हीरक जयंती समारोह
गांधी और गांधीवाद साहसकोईशारीरिकविशेषतानहोकरआत्मिकविशेषताहै। - महात्मा गांधी59. महारानी विक्टोरिया का हीरक जयंती समारोहराजकोट - जुलाई 1896राजनिष्ठागांधीजी को अभी भी विश्वास था कि ब्रिटिश शासन “पूरी...
View Article60. महामारी में सेवा
गांधी और गांधीवाद मेरीअस्पृश्यताकेविरोधकीलडाई, मानवतामेंछिपीअशुद्धतासेलडाईहै। - महात्मा गांधी60. महामारी में सेवाराजकोट जुलाई 1896बम्बई (मुंबई) में ब्यूबोनिक प्लेगगांधीजी इस समय सत्ताईस वर्ष के थे।...
View Article61. हरी पुस्तिका
गांधी और गांधीवाद ईश्वरइतनानिर्दयीवक्रूरनहींहैजोपुरुष-पुरुषऔरस्त्री-स्त्रीकेमध्यऊंच-नीचकाभेदकरे। - महात्मा गांधी61. हरी पुस्तिकाजुलाई-अगस्त 1896 … राजकोट मेंप्रवेशअपनी भावी रणनीति को अंजाम देने के लिए...
View Article62. बीमार बहनोई की तीमारदारी
गांधी और गांधीवाद सच्चाव्यक्तित्वअकेलेहीसत्यतकपहुंचसकताहै। - महात्मा गांधी62. बीमार बहनोई की तीमारदारीअगस्त, 1896बम्बई (मुम्बई) मेंदक्षिण अफ़्रीका के भारतवासियों के विषय में देशवासियों को भलीभाँति...
View Article63. बम्बई (मुम्बई) में सभा
गांधी और गांधीवाद गतिजीवनकाअंतनहींहैं।सहीअर्थोंमेंमनुष्यअपनेकर्तव्योंकानिर्वाहकरतेहुएजीवितरहताहै। - महात्मा गांधी63. बम्बई (मुम्बई) में सभासितम्बर 1896प्रवेशबहनोई के निधन के शोक से उबरे भी न थे कि...
View Article64. बम्बई से पूना आगमन
गांधी और गांधीवाद64. बम्बई से पूना आगमनअक्तूबर, 1896लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक से मुलाक़ात11 अक्तूबर, 1896 को गांधी जी बम्बई (मुम्बई) से पूना (पुणे) होते हुए मद्रास (चेन्नई) के लिए रवाना हुए। पूना में...
View Article65. मद्रास पहुंचे
गांधी और गांधीवाद65. मद्रास पहुंचेअक्तूबर 1896ज़ोरदार स्वागतपूना में गांधीजी की सभा बहुत सफल रही।उत्साहित गाांधीजी ने मद्रास जाने का कार्यक्रम तय किया। ट्रेन से गांधीजी 14 अक्तूबर, 1896 को मद्रास...
View Article66. अफ़्रीका से बुलावे का तार
गांधी और गांधीवाद66. अफ़्रीका से बुलावे का तारनवंबर, 1896कलकत्ता पहुंचेगांधीजी के शब्दों में कहें तो वह जीवनभरएक 'जुआरी' रहे।सत्यकाशोधकरनेकेअपनेउत्साहमेंऔरअहिंसामेंअपनीआस्थाकेअनवरतअनुगमनमें,...
View Article67. दक्षिण अफ़्रीका जाने की तैयारियां
गांधी और गांधीवाद67. दक्षिण अफ़्रीका जाने की तैयारियांनवम्बर 1896पूना (पुणे) से राजकोट लौटेदक्षिण अफ़्रीका से फ़ौरन लौटने के निवेदन का तार आ चुका था। अब देर करने से काम नहीं चलने वाला था। उन्हें हर हाल...
View Article68. शब्द-चित्र के कुशल चितेरे गांधीजी
गांधी और गांधीवाद68. शब्द-चित्र के कुशल चितेरे गांधीजीगांधीजी के जन्म के समय तक (1869) ब्रिटिश राज्य भारत में अपनी जड़ें जमा चुका था। 1857 केसिपाही विद्रोह ने एक व्यापारी कम्पनी को एक साम्राज्य के रूप...
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