Quantcast
Channel: मनोज
Browsing all 465 articles
Browse latest View live

Image may be NSFW.
Clik here to view.

आँच –119

आँच –119                       आचार्य परशुराम राय                       आँच के पिछले अंकमें श्री देवेन्द्र पाण्डेयकी कविता पहिएकी गयी समीक्षा पर विद्वान मित्रों एव पाठकों ने काफी रोचक टिप्पणियाँ की...

View Article


नारी ब्लॉग के माध्यम से एक विचार-विमर्श का आयोजन

नारी ब्लॉग के माध्यम से एक विचार-विमर्श का आयोजन किया जा रहा है। यह एक प्रशंसनीय प्रयास है। इसे प्रतियोगिता का रूप दिया गया है जिसमें 15 अगस्त 2011 से 14 अगस्त 2012 के बीच में पब्लिश की गयी ब्लॉग...

View Article


अब ख़ुशी के गीत गाना व्यर्थ है

अब ख़ुशी के गीत गाना व्यर्थ हैश्यामनारायण मिश्रजल रहीं धू-धू दिशाओं की चिताएंअब ख़ुशी   के गीत गाना व्यर्थ है जो मसीहा    शांति के संदेश लाएजी चाहता है पांव उसके चूम लूंजहां मिटती   हो   ग़रीबी दीनतावह...

View Article

Image may be NSFW.
Clik here to view.

स्मृति शिखर से - 23 : मेरे जीवन का एक दिन

- करण समस्तीपुरीअपने देश में सितंबर मास की एक विशेषता यह है कि राष्ट्रीय संस्कृति जीवंत हो उठती है। पहले शिक्षक-दिवस फिर हिन्दी-दिवस। दोनों का मेरे जीवन में महत्वपूर्ण स्थान है। मेरे सभी शिक्षकों का...

View Article

Image may be NSFW.
Clik here to view.

करता छाया धूप एक जो धरती उसकी है

करता छाया धूप एक जो धरती उसकी हैश्यामनारायण मिश्रसदियों  से  चलते  झूठे  बैनामे  और  बहीपुरखों ने खातों की ब्याही धरती कभी नहींतीसों दिन बारहों महीनाएक करे जो ख़ून पसीनाकरता छाया धूप एक जोधरती उसकी...

View Article


Image may be NSFW.
Clik here to view.

स्मृति शिखर से – 24 : डढ़िया वाली

 - करण समस्तीपुरीउसका नाम मुझे नहीं मालूम लेकिन पूरा गाँव नहीं तो कम से कम दो-चार टोले में वह इसी नाम से प्रसिद्ध थी। हमारे टोले के सभी घरों में उसका आना-जाना था। जमींदारों के दरबार भी जाती रहती थी।...

View Article

Image may be NSFW.
Clik here to view.

फ़ुरसत में ... तीन टिक्कट महा विकट

फ़ुरसत में ... 110तीन टिक्कट महा विकटमनोज कुमारहमारे प्रदेश में एक कहावत काफ़ी फ़ेमस है – तीन टिक्कट, महा विकट। इसका सामान्य अर्थ यह है कि अगर तीन लोग इकट्ठा हुए तो मुसीबत आनी ही आनी है। ऐसे ही कोई कहावत...

View Article

Image may be NSFW.
Clik here to view.

बंजारा सूरज

बंजारा सूरज श्यामनारायण मिश्रकिसे पता था सावन में भीलक्षण होंगे जेठ केआ बैठेगा गिद्ध सरीखेमौसम पंख समेट केबंजारा सूरज बहकेगापीकर गांजा भंगजंगल तक आतंकित होगा देख गगन के रंगस्वाती मघा गुजर जायेंगेकेवल...

View Article


Image may be NSFW.
Clik here to view.

आंच-120 : चांद और ढिबरी

आंच-120चांद और ढिबरीमनोज कुमारजिन्होंने वी.एस.नायपॉल, ए पी जे अब्दुल कलाम, रोहिणी नीलेकनी, पवन के वर्मा सहित कई लेखकों की पुस्तकों का हिंदी अनुवाद किया हो, उनकी साहित्यक सूझ-बूझ को अलग से रेखांकित करने...

View Article


Image may be NSFW.
Clik here to view.

भारतीय काव्यशास्त्र – 125

भारतीय काव्यशास्त्र – 125आचार्य परशुराम रायपिछले अंक में वक्रोक्ति अलंकार पर चर्चा की गयी थी। इस अंक में अनुप्रास अलंकार पर चर्चा की जाएगी।वर्णों की समानता (आवृत्ति) को अनुप्रास कहा गया है-...

View Article

Image may be NSFW.
Clik here to view.

चर्खी हुई चाकरी

चर्खी हुई चाकरीश्यामनारायण मिश्रछूटे खेत खादसावन के मेहचर्खी हुई चाकरी निचुड़ी गन्ने जैसी देह। लापरवाही वाले लमहेओसारे की खाटपर्वों के मेलेकस्बे की हफ़्तेवारी हाटदूर छोड़ आई है गाड़ी अपने ग्यौंड़े गेह। अपने...

View Article

Image may be NSFW.
Clik here to view.

कविता - श्रद्धा-सुमन

श्रद्धा-सुमनआचार्य परशुराम रायक्या कहूँ बापू,आपके बन्दरों नेजीना हराम कर दिया -एक सुनता नहीं,एक देखता नहींऔर एक कुछ कहता नहीं।जो देखता है, बोलता नहीं,जो बोलता है, सुनता नहींऔर जो सुनता है,वह न देखता...

View Article

Image may be NSFW.
Clik here to view.

भारतीय काव्यशास्त्र – 126

भारतीय काव्यशास्त्र – 126आचार्य परशुराम रायपिछले अंक में अनुप्रास अलंकार पर चर्चा की गई थी। कुछ आचार्य अनुप्रास के तीन भेद- छेकानुप्रास, वृत्त्यानुप्रास और लाटानुप्रास मानते हैं। कुछ आचार्य इसके पाँच...

View Article


Image may be NSFW.
Clik here to view.

ऐसा ही बचा हुआ गांव है

ऐसा ही बचा हुआ गांव हैश्यामनारायण मिश्रआमों    के      बाग     कटेकमलों    के     ताल    पटेभटक   रहे   ढोरों  के  ढांचेदूर-दूर तक बंजर फैलाव हैऐसा  ही बचा हुआ गांव हैपेड़ पर गिलहरी से चढ़तेअध नंगे...

View Article

Image may be NSFW.
Clik here to view.

आंच-121 : माँ और भादो

आंच-121माँ और भादोमनोज कुमारअरुण चन्द्र रॉय की ताज़ी कविता “मां और भादो”को पढ़ते ही लगा कि इसे आंच पर लिया जाए। मां को केन्द्रीत इस कविता में कवि ने जहां यह दर्शाने की कोशिश की है कि भादो के मास में जहां...

View Article


Image may be NSFW.
Clik here to view.

भारतीय काव्यशास्त्र – 127

भारतीय काव्यशास्त्र – 127आचार्य परशुराम रायपिछले अंक में अनुप्रास अलंकार पर चर्चा समाप्त की गई थी। इस अंक में शब्दालंकार के अन्तर्गत यमक अलंकार पर चर्चा अभीष्ट है।काव्यप्रकाश में यमक अलंकार कि...

View Article

Image may be NSFW.
Clik here to view.

वह प्राचीन क़िला

वह प्राचीन क़िलाश्यामनारायण मिश्रआसमान से बातें करता,वह प्राचीन क़िला।हमको मरे हुए कछुए-सा,औंधा पड़ा मिला।गुंबद गले, छत्र टूटे,दीवारों में बीवांई।भव्य बावली में हैजल की जगह, सड़ी काई।जल के सपनों-सा...

View Article


Image may be NSFW.
Clik here to view.

भारतीय काव्यशास्त्र – 128

भारतीय काव्यशास्त्र – 128आचार्य परशुराम रायपिछले अंक में यमक अलंकार के भेदोपभेद पर चर्चा की गई थी। इस अंक में यमक अलंकार के संदर्भ में पुनरुक्तवदाभास पर चर्चा करने का विचार था। लेकिन यह एक मात्र...

View Article

Image may be NSFW.
Clik here to view.

तस्वीर

लघुकथातस्वीरमनोज कुमारउसने अपने मृत पिता की तस्वीर बेड रूम में लगा ली।रोज़ सुबह अपने जन्म-दाता को देखकर दिन की शुरुआत करता। तस्वीर के इर्द-गिर्द उसने अपनी, बीवी और बच्चों की तस्वीरें भी रख दीं, जैसे...

View Article

Image may be NSFW.
Clik here to view.

उदासी के धुएं में

उदासी के धुएं मेंश्यामनारायण मिश्रलौट आईंभरी आंखेंभींगते रूमाल-आंचल      छोड़कर सीवान तक तुमको,      ये गली-घर-गांव अब अपने नहीं हैं।अनमने से लग रहे हैंद्वार-देहरी      खोर-गैलहरे            दूर तक...

View Article
Browsing all 465 articles
Browse latest View live